श्री गुरुदेव आश्रम सेवा कार्य

अनाथ सेवा

आश्रम द्वारा अनाथ बच्चों को रहने, रवाने, शिक्षा और देखभाल की सुविधाएं मिलती हैं। इस आश्रम में रहने वाले बच्चे विभिन्न कारणों से अनाथ हो गए होते हैं ।

जैसे कि माता-पिता की मृत्यु, परित्याग या अन्य परिस्थितियों के कारण, अनाथ बच्चों को बुनियादी जरूरतों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मनोरंजन और सामाजिक कौशल विकसित करने के अवसर भी आश्रम द्वारा प्रदान किए जाते हैं। आश्रम का उद्देश्य बच्चों को एक सुरक्षित और प्यार भरा माहौल प्रदान करना होता है, ताकि वे अपना भाविष्य बेहतर बना सकें ।

वृद्ध सेवा

स्वामी हरिचैतन्य शांती आश्रम ट्रस्ट वृद्धाश्रम द्वारा वृद्ध व्यक्तियों को निवास, भोजन, दवाईयों की सुविधाएं मिलती हैं। इस आश्रम में रहने वाले वृद्ध व्यक्तियों को विभिन्न कारणों से अपने परिवारों से अलग रहना पड़ता है, जैसे कि परिवार में किसी के न होने के कारण परिवार के सदस्यों द्वारा उपेक्षा या अन्य कारणों से, आश्रम में वृद्ध व्यक्तियों को बुनियादी जरूरतों के साथ-साथ स्वास्थ्य देखभाल, सामाजिक गतिविधियों के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। आश्रम का उद्देश्य वृद्ध व्यक्तियों को एक सशक्त और सम्मानजनक माहौल प्रदान करना है, ताकि वे अपने शेष जीवन को शांति और गरिमा के साथ व्यतीत कर सकें।

श्री हरीचैतन्य गौधाम आश्रम द्वारा गौमाताओं की देखभाल की जाती है । देसीनस्लोंवाली गौमाताओं की उपेक्षा, दुर्व्यवहार और वध से बचाने हेतु और गौ सेवा हेतु स्थापित हैं।

गौ सेवा
आदिवासी सेवा

आश्रम द्वारा आदिवासीयों के कल्याण के लिए कई उपक्रम चलाये जाते हैं। इन उपक्रमों का उद्देश्य आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देना है आदिवासी बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए छात्रवृत्तियाँ, स्वास्थ शिविर, और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं ।

गुरुकुल प्राचीन भारत की एक पारंपरिक आवासीय शिक्षा प्रणाली है । गुरुकुल द्वारा आदिवासी गरीब पीड़ित बच्चों का शिक्षण एवं संगोपन किया जाता है, गुरुकुल द्वारा आध्यात्मिक नैतिक और शैक्षणिक ज्ञान सहित, संगीत और कला जैसे व्यावहारिक विभिन्न विषयों का अध्ययन होता है ।

आश्रम द्वारा गरीब एवं आदिवासी बच्चों के लिए स्कूल चलाया जाता है, यह स्कूल आदिवासी समुदाय एव गरीब बच्चो को शिक्षा प्रदान करने हेतू कार्यरत है,

गुरुकुलम
श्री गुरुदेव विद्यालय
अन्नक्षेत्र

आश्रम द्वारा भक्तों, साधुओं गरीब एवं आदिवासी हेतु नित्य अन्न क्षेत्र चलाया जाता है।

बालसंस्कार शिविर

आश्रम द्वारा हर साल बाल संस्कार शिविर का आयोजन किया जाता है, यह शिविर का उद्देश्य बच्चों में नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों को विकसित करना है। ये शिविर बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपराओं और सदाचार का ज्ञान देते हुए उनके सर्वांगीण विकास में सहायता करता हैं। यह शिविर में हर साल 600 से 700 बच्चे सम्मिलित होते हैं ।

भक्तफेरी द्वारा गांव - गांव जाकर अनेक सामाजिक अभियान चलाए जाते हैं, जैसे बेटी पढ़ावो, जल संरक्षण, स्वच्छ भारत, बच्चो की शिक्षा हेतू अभियान, यवाओं में संस्कारो की प्रेरणा, दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान, कृषि विषयक मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया जाता है।

भक्तफेरी